इजरायल-हमास युद्ध पर प्रस्ताव के मसौदे पर अमेरिका ने किया वीटो
इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक मसौदा प्रस्ताव पर अमेरिका ने मंगलवार को वीटो कर दिया। मसौदा प्रस्ताव में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी। इसके बजाय अमेरिका ने हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई से जुड़े अस्थायी युद्धविराम का आह्वान किया।
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अल्जीरिया के इस मसौदा प्रस्ताव पर 13 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया, जबकि ब्रिटेन इस दौरान गैरहाजिर रहा। पिछले वर्ष सात अक्टूबर से जारी इस लड़ाई के बाद से यह तीसरा मौका है जब अमेरिका ने ऐसे किसी प्रस्ताव पर वीटो किया है। मतदान से पहले सुरक्षा परिषद में अल्जीरिया के राजदूत अमार बेंडजामा ने कहा, ‘इस मसौदा प्रस्ताव के समर्थन में मतदान फलस्तीनियों के जीवन के अधिकार का समर्थन होगा। इसके विरोध में मतदान बर्बर हिंसा और उन्हें दिए जा रहे सामूहिक दंड का समर्थन होगा।’
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस-ग्रीनफील्ड ने शनिवार को संकेत दिया था कि अमेरिका इस मसौदा प्रस्ताव पर वीटो करेगा क्योंकि यह अमेरिका, मिस्त्र, इजरायल और कतर के बीच उस बातचीत को बाधित कर सकता है जो युद्ध को रोकने और हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई के लिए की जा रही है। मंगलवार को मतदान से पहले थामस-ग्रीनफील्ड ने सुरक्षा परिषद से कहा, ‘हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई को आवश्यक बनाए बिना तत्काल, बिना शर्त युद्धविराम की मांग से स्थायी शांति नहीं आएगी। इसके बजाय इससे हमास व इजरायल के बीच लड़ाई बढ़ सकती है।’
अल्जीरिया के मसौदा प्रस्ताव में युद्धविराम को बंधकों की रिहाई से नहीं जोड़ा गया, बल्कि अलग से सभी बंधकों की तत्काल एवं बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। फलस्तीन के प्रतिनिधि ने परिषद में कहा, ‘इस वीटो से इजरायल को यह संदेश दिया गया है कि वह हत्या करके बच निकलना जारी रख सकता है।’ वहीं, इजरायल के राजदूत गिलाड एर्डन ने कहा कि युद्धविराम से सिर्फ एक ही चीज हासिल हो सकती है- हमास का अस्तित्व। इस बीच अमेरिका ने अपना एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है जिसमें अस्थायी युद्धविराम का आह्वान करने के साथ ही इजरायल द्वारा राफाह में जमीनी कार्रवाई का विरोध किया गया है।
यूएन एजेंसी ने उत्तरी गाजा में रोकी खाद्य आपूर्ति
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने मंगलवार को कहा कि बढ़ती अराजकता की वजह से उसे उत्तरी गाजा में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति रोकनी पड़ी है। इससे क्षेत्र में भुखमरी का खतरा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी ने एक अध्ययन में चेतावनी दी है कि उत्तरी इलाके में छह में से एक बच्चा अत्याधिक कुपोषित है।