उत्तराखंड: पहाड़ से मैदान तक सेवा क्षेत्र में बढ़ेगी निवेश की रफ्तार, बढ़ेगा रोजगार

उत्तराखंड की पहली सेवा क्षेत्र नीति से उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र में निवेश की रफ्तार बढ़ेगी। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। प्रदेश सरकार ने नीति में पर्वतीय क्षेत्रों में 50 और मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ के निवेश की सीमा तय की है, जिसमें कुल पूंजी निवेश पर प्रदेश 25 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी।

पर्वतीय क्षेत्रों में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पांच साल के भीतर 50 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। सरकार पांच किस्तों में सब्सिडी का भुगतान करेगी। राज्य में सेवा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने पहली सेवा क्षेत्र नीति को मंजूरी दे दी है।

इस नीति से देश-दुनिया के निवेश उत्तराखंड में स्वास्थ्य, वेलनेस, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, स्कूल, कॉलेज, विवि, फिल्म, मनोरंजन, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा सेंटर के साथ ड्रोन, विनिर्माण, आयुष, इलेक्ट्रॉनिक, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-बागवानी, हस्तशिल्प में कौशल विकास का प्रशिक्षण संस्थान में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

नीति में निवेश के लिए पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में अलग-अलग सेवा क्षेत्र में निवेश की सीमा निर्धारित की है, जिसमें पांच साल के भीतर कुल पूंजी का 25 प्रतिशत या अधिकतम 100 करोड़ रुपये तक सरकार सब्सिडी देगी।

2030 तक 2500 करोड़ की सब्सिडी
प्रदेश सरकार 2030 तक सेवा क्षेत्र नीति को लागू करने का प्रावधान किया है। नीति के तहत प्रदेश में होने वाले निवेश पर सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी देगी। प्रदेश सरकार का अनुमान है 2030 तक 2500 करोड़ की राशि सब्सिडी पर खर्च होगी।

ये है सेवा क्षेत्र में निवेश की सीमा

क्षेत्र                                    मैदानी             पर्वतीय क्षेत्र
मल्टी सुपर स्पेशियलिटी          200 करोड़        50 करोड़
सुपर स्पेशियलिटी                  50 करोड़          25 करोड़
वेलनेस, योग, आयुष               50 करोड़          25 करोड़
स्कूल                                   50 करोड़          25 करोड़
कॉलेज, विवि                         100 करोड़        50 करोड़
फिल्म मीडिया                       100 करोड़        50 करोड़
खेल                                     25 करोड़          15 करोड़
आईटी                                  100 करोड़        50 करोड़
डाटा सेंटर                              100 करोड़       50 करोड़
कौशल विकास                        100 करोड़        50 करोड़

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