व्यापारिक जहाजों को समुद्री डाकुओं से बचाने पर राजनाथ सिंह ने नौसेना की सराहना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेशी जलक्षेत्र में व्यापारिक जहाजों को समुद्री डाकुओं से बचाने में मदद के लिए चलाए गए विभिन्न अभियानों को लेकर नौसेना की खुले दिल से सराहना की और कहा कि उसने करिश्मा किया है। सिंह ने दिए एक विशेष साक्षात्कार के दौरान दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण के लिए नौसेना के प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करने के संकेत भी दिए। नौसेना ने 45,000 टन वजनी दूसरे स्वदेशी विमान वाहक पोत के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले स्वदेशी विमान वाहकों में नयी विशेषताएं होंगी।

सरकार का ध्यान भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का
उन्होंने लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने का विश्वास जताते हुए कहा कि नयी सरकार का ध्यान भारत को रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने पर होगा। सिंह ने कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा निर्यात 2023-24 में पहली बार 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया और उनके मंत्रालय ने अगले पांच-छह वर्ष में इसे बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ”हम इसे 2029-30 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक तक ले जाएंगे।”

हूती आतंकवादियों को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही
सिंह ने कहा, “भारत की नौसेना ने करिश्मा किया है। नौसेना को बधाई।” पिछले कुछ महीनों में, भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर, अदन की खाड़ी और लाल सागर के आसपास रणनीतिक जलमार्गों पर कई व्यापारिक जहाजों पर हमले होने के बाद उन्हें सहायता प्रदान की है। पिछले महीने के अंत में, पनामा के ध्वज वाला एक तेल टैंकर पोत हूती उग्रवादियों के मिसाइल हमले की चपेट में आ गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना ने तुरंत सहायता प्रदान की थी। जहाज पर 22 भारतीयों समेत चालक दल के 22 सदस्य सवार थे। लाल सागर में विभिन्न वाणिज्यिक जहाजों पर हूती आतंकवादियों के हमलों को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।

नौसेना ने जनवरी से अब तक इस क्षेत्र में कई जहाजों पर समुद्री डाकुओं के हमलों को विफल किया है। दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) को लेकर नौसेना के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने संकेत दिया कि इस पर अनुकूल विचार किया जा रहा है। भारत का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (आईएसी-1) पिछले साल सितंबर में सेवा में लाया गया था।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency