बैन हटने के बाद प्याज निर्यात में आई तेजी
पिछले साल सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि इस प्रतिबंध को अब सरकार ने हटा दिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि इस महीने की शुरुआत में आउटबाउंड शिपमेंट पर प्रतिबंध हटने के बाद से भारत ने 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया है।
आम चुनावों से पहले घरेलू आपूर्ति को स्थिर रखने के लिए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इन निर्यातों ने किसानों को राहत प्रदान की।
दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने पिछले दिसंबर में बल्ब के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और फिर सुस्त उत्पादन के कारण कीमतों में वृद्धि के बाद मार्च में इसे बढ़ा दिया।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि
प्याज पर प्रतिबंध हटने के बाद से 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। यह निर्यात ज्यादातर मध्य पूर्व और बांग्लादेश में हुआ है। इस साल अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बेहतर बुआई सुनिश्चित होगी।
इसके आगे उन्होंने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली एजेंसियों ने चालू वर्ष के लिए लक्षित 5,00,000 टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए हालिया रबी (सर्दियों) की फसल से प्याज की खरीद शुरू कर दी है।
चुनाव अवधि के दौरान प्याज की कीमतें सस्ती रखने के लिए सरकार ने 4 मई को प्रतिबंध हटा दिया था। वहीं सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 550 अमेरिकी डॉलर प्रति टन कर दिया।
कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम उत्पादन के कारण 2023-24 फसल वर्ष में देश का प्याज उत्पादन एक साल पहले से 16 प्रतिशत गिरकर 25.47 मिलियन टन होने की उम्मीद है।