इस विधि से करें कुबेर यंत्र की स्थापना

हिंदू शास्त्रों में कुबेर देव को धन के स्वामी के अलावा कोषाध्यक्ष और यक्ष का राजा भी कहा जाता है। ऐसे में नियमित रूप से कुबेर देव की पूजा-अर्चना करने से धन संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। वहीं कुबेर यंत्र का संबंध भी कुबेर देव सी ही माना गया है। ऐसे में यदि आप इस विशेष यंत्र को अपने घर में स्थापित करते हैं, तो इससे आपको कई लाभ देखने को मिल सकते हैं।

मिलते हैं ये लाभ
कुबेर यंत्र का इस्तेमाल मुख्य रूप से धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कुबेर यंत्र की साधना करने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं, जिससे घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में रोजाना कुबेर यंत्र की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक को कुबेर देव के अलावा मां लक्ष्मी की भी कृपा की प्राप्ति हो सकती है।

इस तरह करें स्थापित
सर्वप्रथम कुबेर यंत्र घर लाकर इसे एक पीले कपड़े में लपेटकर मंदिर के सामने किसी बर्तन में रख दें। अगले दिन सभी दैनिक कार्यों से निवृत होकर जाएं। इसके बाद गंगाजल या कच्चे दूध से कुबेर यंत्र का अभिषेक करें। अभिषेक के बाद ‘ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:’ मंत्र का जाप करें। ध्यान रखें कि इस मंत्र का जाप 11 या 21 बार करना है। इसके बद कुबेर देव का स्मरण करें। अब इस यंत्र को मंदिर या फिर अपनी तिजोरी में स्थापित करें।

ध्यान रखें ये बातें
कुबेर यंत्र को मंदिर में मंगलवार या शनिवार के दिन ही स्थापित करना ज्यादा शुभ माना जाता है। मंदिर या तिजोरी में स्थापित करने के बाद इसकी नियमित रूप से पूजा करें। पूजा के दौरान जलाभिषेक भी अवश्य करें। कुबेर यंत्र स्वर्ण, तांबे, या फिक अष्टधातु का होना चाहिए। वहीं, मंदिर में कुबेर यंत्र रखने के लिए पूर्व दिशा का इस्तेमाल करें।

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