कालाष्टमी पर इस विधि से करें भगवान काल भैरव की पूजा

कालाष्टमी का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र दिन पर भैरव बाबा की पूजा के साथ उनके लिए उपवास जरूर करना चाहिए।

ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बार कालाष्टमी (Kalashtami 2024) 28 जून, 2024 यानी आज मनाई जा रही है।

कालाष्टमी 2024 तिथि और समय

अष्टमी की शुरुआत – 28 जून 2024 शाम 04 बजकर 27 मिनट से

अष्टमी तिथि का समापन – 29 जून 2024 दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक।

पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • अपने घर और विशेषकर मंदिर को अच्छे से साफ करें।
  • एक वेदी लें और उस पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
  • फल, फूल, मिठाई आदि चीजें अर्पित करें।
  • सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • काल भैरव अष्टक का पाठ करें और भैरव मंत्रों का जाप करें।
  • रात्रि में जागरण यानी भजन-कीर्तन करें।
  • व्रती अगले दिन सुबह पूजा के बाद अपना व्रत खोलें।
  • तामसिक चीजों से परहेज करें।
  • किसी के साथ विवाद करने से बचें।
  • बड़ों का अपमान न करें।

प्रिय भोग

घर में बनी मीठी रोटी, बेसन का हलवा व मालपुआ।

पूजन सामग्री लिस्ट

बेलपत्र, दूध, ऋतु फल, फूल, धूप, गंगाजल, शुद्ध जल, चंदन, काला कपड़ा, अक्षत, सरसों का तेल, मिट्टी का दीपक आदि।

मंत्र

ॐ कालभैरवाय नम:।

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