प्रदेश में मनरेगा के तहत अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण

ग्रामीण विकास को नयीं ऊंचाई तक ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश में मनरेगा के तहत अन्नपूर्णा भवनों का हो रहा है निर्माण
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न भंडारण और वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ‘अन्नपूर्णा भवन’ नामक बहुउद्देश्यीय केंद्रों का निर्माण कर रही है। इन भवनों का उद्देश्य न केवल खाद्यान्न भंडारण और उचित दर की दुकानों के संचालन को सुविधाजनक बनाना है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को विभिन्न जनसेवा केंद्रों की सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना भी है।
निर्माण की प्रगति और सुविधाएं
वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,800 से अधिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। इनमें से कई भवन पूर्ण हो चुके हैं, जबकि लगभग 2,763 भवनों का कार्य प्रगति पर है।
इन भवनों में एक हॉल, प्रतीक्षालय, और जनसेवा केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो ग्रामीण निवासियों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होंगी।
सुविधाओं का विस्तार
अन्नपूर्णा भवनों में उचित दर की दुकानों के साथ-साथ जनरल स्टोर और कम्युनिटी सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन भी किया जाएगा। यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं, और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की सुविधा होगी। इन भवनों में सीसीटीवी कैमरों और इंटरनेट की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सरकारी प्रयास और लक्ष्य
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशानुसार, मनरेगा के तहत सरकारी जमीन पर खाद्यान्न भंडारण संरचना (अन्नपूर्णा भवन) का निर्माण कार्य निरंतर जारी है। सरकार का लक्ष्य है कि सभी 80,000 उचित दर की राशन दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में स्थायी और सुसज्जित किया जाए, जिससे खाद्यान्न आपूर्ति और जनसेवा केंद्रों की सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकें।
चुनौतियाँ और समाधान
कुछ क्षेत्रों में अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण में देरी की शिकायतें भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, सेवराई तहसील में कई भवन अधूरे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को असुविधा हो रही है। स्थानीय निवासियों ने निर्माण कार्य में तेजी लाने की मांग की है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द इन सुविधाओं का लाभ मिल सके।
अन्नपूर्णा भवनों का यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल खाद्यान्न आपूर्ति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि ग्रामीण समुदायों को विभिन्न आवश्यक सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएगा।