लखनऊ में शुरू हुआ सिल्क एक्सपो: कई राज्यों के सिल्क वस्त्र देखने का मिलेगा मौका
लखनऊ में चल रहे सिल्क एक्सपो-2024 का भव्य उद्घाटन राज्य सूचना आयुक्त श्री स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता द्वारा किया गया। इस आयोजन में विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों ने अपनी अनूठी रेशमी कारीगरी का प्रदर्शन किया, जिसमें विशेष रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल के पारंपरिक सिल्क उत्पादों को शामिल किया गया है। श्री गुप्ता ने कारीगरों की मेहनत और कला को सराहा, जो देश के समृद्ध रेशमी परिधान उद्योग की विविधता को सामने लाते हैं।
विविधता और कला की झलक
इस एक्सपो में प्रदर्शित किए गए वस्त्रों में बनारसी, चंदेरी, कांजीवरम, और बालूचर जैसे प्राचीन और पारंपरिक डिजाइनों से सजी साड़ियां, स्टोल्स, दुपट्टे और अन्य रेशमी वस्त्र शामिल हैं। यहां उपलब्ध वस्त्रों की रंगीनता, बारीकी से की गई कढ़ाई और डिजाइन विविधता ने आगंतुकों का मन मोह लिया है। एक्सपो का उद्देश्य न केवल सिल्क उत्पादों को बढ़ावा देना है बल्कि कारीगरों को एक मंच भी प्रदान करना है ताकि उनकी कला को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाया जा सके।
सिल्क उद्योग को बढ़ावा और रोजगार के अवसर
सिल्क एक्सपो के आयोजन का उद्देश्य घरेलू सिल्क उद्योग को प्रोत्साहित करना और स्थानीय कारीगरों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। इस प्रकार के मेलों से न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि कारीगरों के उत्पादों की मांग में भी वृद्धि होती है। आयोजकों के अनुसार, इस तरह के मेलों से रेशमी वस्त्र उद्योग में आए ठहराव को समाप्त किया जा सकता है और देश-विदेश में इन वस्त्रों की लोकप्रियता बढ़ाई जा सकती है।
बड़ी संख्या में दर्शकों की उम्मीद
आयोजनकर्ताओं को इस एक्सपो में बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति की उम्मीद है, जिससे स्थानीय व्यापार को भी लाभ होगा। लखनऊ में आयोजित इस तरह के कार्यक्रम राज्य के सिल्क उद्योग को नई दिशा देने और पारंपरिक हस्तकला को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होते हैं। आयोजकों के अनुसार, सिल्क उद्योग में मौजूद रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और कारीगरों की मेहनत को सराहना दिलाने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।