पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा ने परवेज मुशर्रफ को भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी पर दिया था माकूल जवाब

परवेज मुशर्रफ भारत के खिलाफ लगातार बयान देते रहे हैं। उन्होंने इसके लिए झूठ का भी सहारा लिया। अपनी पुस्तक इन द लाइन ऑफ फायर में भी उन्होंने भारत के खिलाफ आग उगला, लेकिन उन्हें इसका माकूल जवाब मिला। मुशर्रफ के इन बयानों पर उस समय भारतीय राजनेताओं और शीर्ष नौकरशाहों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा ने कहा था कि कारगिल युद्ध को लेकर वह जो कुछ भी कह रहे हैं वह और कुछ नहीं बल्कि झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने हम पर हमला किया और फिर हार गए। मुशर्रफ को वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यही हकीकत है। कुछ अनुमानों के पाकिस्तानी सेना के 1,000 से 2,000 जवान मारे गए।

पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने कहा था कि किताब में जिन बातों का जिक्र किया गया है वह बहुत कुछ मनगढ़ंत है। अपनी पुस्तक में मुशर्रफ डरपोक जनरल प्रतीत होते हैं और ऐसा लगता है कि सारा दोष नवाज शरीफ पर डाल रहे हैं। कारगिल में जीत का मुशर्रफ का दावा हास्यास्पद है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता चौधरी एहसान इकबाल ने कहा कि अगर जनरल मुशर्रफ कारगिल के नायक हैं तो इस पर आयोग क्यों नहीं बनाते?

‘आगरा शिखर सम्मेलन की असफलता के लिए मुशर्रफ जिम्मेदार’

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि आगरा वार्ता को लेकर जनरल मुशर्रफ की किताब में आगरा में हमारी वार्ता की विफलता पर उनकी टिप्पणियों ने मुझे चौंका दिया। किसी ने जनरल का अपमान नहीं किया और निश्चित रूप से किसी ने मेरा अपमान नहीं किया। सीमा पार आतंकवाद को समाप्त किए जाने तक भारत-पाक संबंधों में सामान्य स्थिति नहीं आ सकती थी।

Related Articles

Back to top button