सीएम योगी ने प्रदेश के सभी शिक्षकों को नसीहत देते हुए कही ये बात

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश के सभी शिक्षकों को बेहद उपयोगी सलाह दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के 1.20 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खाते में कुल 1320 करोड़ रुपये की धनराशि आनलाइन ट्रांसफर करने के समारोह में शिक्षकों को बच्चों को राष्ट्रनायक तथा राष्ट्रद्रोही में अंतर सिखाने की सलाह दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के हर अभिभावक के खाते में 1100-1100 रुपये भेजे। वह इससे अपने बच्चे के लिए दो जोड़ी यूनिफार्म के साथ ही साथ स्वेटर, बैग व जूते और मोजे खरीद सकेंगे।

मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समारोह के दौरान शिक्षकों से अपील की कि वह अपने-अपने विद्यार्थियों को राष्ट्रद्रोही और राष्ट्र नायक में अंतर सिखाएं, क्योंकि इस उम्र में बच्चों को सही एवं गलत का बहुत ज्ञान नहीं होता। ऐसे में वह प्रार्थना सभा में उन्हें बताएं कि कौन हमारा मित्र है और कौन शत्रु। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को राष्ट्रद्रोही और राष्ट्रनायक में अंतर सिखाएं, क्योंकि इस उम्र में बच्चों को सही एवं गलत का बहुत ज्ञान नहीं होता। ऐसे में प्रार्थनासभा में उन्हें बताएं कि कौन हमारा मित्र है और कौन शत्रु। प्रार्थनासभा में शिक्षक चेक करें कि विद्यार्थी के नाखून कटे हैं या नहीं, यूनिफार्म और जूते-मोजे आदि पहने हैं या नहीं। संस्कार विहीन व शिष्टाचार विहीन शिक्षा बच्चों को गलत रास्ते पर ले जाती है। संस्कार विहीन व शिष्टाचार विहीन शिक्षा गलत रास्ते पर ले जाती है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्ष में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की सूरत बदली है। सरकारी स्कूलों का रंग-रोगन करने के साथ-साथ वहां बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इसी का नतीजा है कि 2017 में परिषदीय स्कूलों में 1.30 करोड़ विद्यार्थी थे और अब यह संख्या बढ़कर 1.80 करोड़ हो गई है। अभी 60 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों के बैंक खाते का सत्यापन चल रहा है, जल्द उनके खाते में भी धनराशि ट्रांसफर की जाएगी।

सीएम योगी आदित्यनथ ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्ष में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की सूरत बदली है। तकनीक के प्रयोग से भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार हुआ है और पारदर्शिता आई है। सरकारी स्कूलों का रंग-रोगन करने के साथ-साथ वहां बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इसी का नतीजा है कि वर्ष 2017 में परिषदीय स्कूलों में 1.30 करोड़ विद्यार्थी थे और अब यह संख्या बढ़कर 1.80 करोड़ हो गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राइमरी स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के 1.20 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये की दर से कुल 1320 करोड़ रुपये की धनराशि आनलाइन ट्रांसफर की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन अभिभावकों को यह 1100 रुपये की रकम दी गई है। उससे वो बच्चों के लिए स्वेटर, बैग, यूनिफार्म व जूते और मोजे ही खरीदें, इसे सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक और शिक्षक की होगी। इसके लिए अभिभावकों के साथ बैठक करें। उन्होंने कहा कि अभी 60 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों के बैंक खाते का सत्यापन चल रहा है, जल्द उनके खाते में भी धनराशि ट्रांसफर की जाएगी।

अंतर विभागीय सहयोग से स्कूलों में बनाएं स्मार्ट क्लास

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अंतर विभागीय सहयोग लिया जाए। सभी विभाग अपने प्रोजेक्ट में कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत हर ब्लाक के स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाएं। उन्होंने कहा कि वाराणसी में आंगनबाड़ी व स्कूलों में संसाधनों का बेहतर उपयोग कर पढ़ाई कराई जा रही है। इसे माडल के रूप में सभी स्कूलों में लागू कराया जाएगा।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने विभाग की उपलब्धियां गिनाईं। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा दीपक कुमार व अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल मौजूद रहे। 

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