बरेली-सितारगंज हाईवे का चौड़ीकरण मार्च में होगा शुरू

बरेली-सितारगंज हाईवे के लिए 65 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो गया है। सात दिन के भीतर यह आंकड़ा 80 फीसदी तक पहुंच जाएगा। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) इसके बाद कार्यदायी संस्था के साथ काम शुरू करने का अनुबंध करेगा। निर्माण पूरा करने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा। पहले फेज में 32 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण होगा। मार्च से काम शुरू हो जाएगा। हाईवे बन जाने के बाद यातायात को रफ्तार मिलेगी।

बरेली से सितारगंज तक 71 किलोमीटर लंबा मार्ग फिलहाल टूलेन (10 मीटर चौड़ा) है। इसे फोरलेन (23 मीटर चौड़ा) किया जाना है। बीच में पांच मीटर चौड़ा डिवाइडर रहेगा। मार्ग का 27.75 किलोमीटर हिस्सा बरेली में, 30.65 किलोमीटर हिस्सा पीलीभीत में और 12.40 किलोमीटर हिस्सा ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) में पड़ता है।

मार्ग पर आठ बाइपास प्रस्तावित हैं। बरेली जिले में 20 गांवों के किसानों की जमीन ली जानी है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बीपी पाठक ने बताया कि 80 फीसदी अधिग्रहण के बाद मार्ग का निर्माण शुरू होगा। कार्यदायी संस्था दो साल में काम पूरा करेगी।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बीपी पाठक ने बताया कि उत्तराखंड से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। नैनीताल और नानकमत्ता का सफर आसान होगा। वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे। एनएचएआई जल्द ही काम शुरू कराएगा।

तपेश्वरनाथ मंदिर मार्ग के लिए फिर पड़े टेंडर
नाथ कॉरिडोर के 11 मार्गों के चौड़ीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रक्रिया तेज कर दी है। दो मार्गों पर काम शुरू हो गया है। आठ मार्गोंं के टेंडरों का परीक्षण चल रहा है। टेंडर फाइनल होते ही निर्माण शुरू होगा। तपेश्वरनाथ मंदिर मार्ग के चौड़ीकरण का टेंडर 20 फरवरी को खुलेगा। नाथ कॉरिडोर के कार्यों के शिलान्यास और लोकार्पण के लिए मुख्यमंत्री आ सकते हैं। इसलिए रफ्तार के साथ काम कराने की तैयारी है।

सुभाषनगर पुलिया से तपेश्वरनाथ मंदिर तक 1.29 किलोमीटर लंबे मार्ग का छह करोड़ की लागत से चौड़ीकरण होना है। पहली बार में इसके लिए सिर्फ एक टेंडर आया था। इसलिए दोबारा टेंडर निकाले गए। अधीक्षण अभियंता अभिनेश कुमार ने बताया कि अब 20 फरवरी को फिर से टेंडर खुलेंगे

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