हेलीकाप्टर दुर्घटना की ट्राई सर्विस जांच शुरू,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया ,किस तरह हुई ये दुखद आकस्मिक दुर्घटना

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 सैन्यकर्मियों की हेलीकाप्टर दुर्घटना में मृत्यु की ट्राई सर्विस जांच शुरू कर दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि भारतीय वायुसेना ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ट्राई सर्विस जांच का काम बुधवार से ही शुरू कर दिया है। दुर्घटना के शिकार हुए 13 सैन्यकर्मियों में से अभी केवल तीन के शवों की पहचान हो पाई है। इनमें जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका के अलावा सीडीएस के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर शामिल हैं।

रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में हेलीकाप्टर दुर्घटना का ब्योरा साझा करते हुए कहा कि बड़े दुख और भारी मन से वह देश के पहले सीडीएस जनरल रावत तथा उनकी पत्नी के साथ हेलीकाप्टर में सवार अन्य 11 लोगों के दुखद निधन से अवगत करा रहे हैं। जनरल रावत वेलिंगटन के डिफेंस स्टाफ कालेज के छात्र अधिकारियों से संवाद करने गए थे। वायुसेना के एमआइ-17वी5 हेलीकाप्टर ने बुधवार को 11.48 बजे सुलूर एयर बेस से अपनी उड़ान भरी थी, जिसे 12.15 बजे वेलिंगटन में लैंड करना था। लेकिन सुलुर एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल का लगभग 12.08 बजे हेलीकाप्टर से संपर्क टूट गया।

कुन्नूर के पास जंगल में कुछ स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी

रक्षा मंत्री के बयान से साफ है कि जनरल रावत का हेलीकाप्टर लैंड करने से बमुश्किल पांच-सात मिनट पहले क्रैश हुआ। रक्षा मंत्री ने बताया कि बाद में कुन्नूर के पास जंगल में कुछ स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी। इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर स्थिति में हैं और उन्हें बचाने के प्रयास के तहत दिन में ही बेंगलुरु स्थित वायुसेना के बेस अस्पताल में एयर एंबुलेस से ले जाया गया। सीडीएस रावत सेना के तीनों अंगों के अगुआ थे इसीलिए उनकी दुर्घटना की जांच ट्राइ सर्विस को सौंपी गई है जिसमें तीनों सेना के लोग शामिल हैं, चूंकि यह हेलीकाप्टर दुर्घटना है इसलिए अध्यक्षता एयर मार्शल की होगी।

बाकी सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर पहचान के बाद ही परिवार को सौंपे जाएंगे

सैन्य सूत्रों के अनुसार, बुरी तरह जले होने के कारण सैन्यकर्मियों के शवों की पहचान में समय लग रहा है। बाकी सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर को उनके स्वजन को अंत्येष्टि के लिए तभी सौंपा जाएगा जब इनकी पहचान पूरी तरह सुनिश्चित हो जाएगी। तब तक इन्हें दिल्ली स्थित सेना के बेस अस्पताल के शवगृह में रखा जाएगा। जबकि जनरल रावत, उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर लिड्डर के पार्थिव शरीर को उनके स्वजन को सौंप दिया जाएगा और उनकी इच्छा के हिसाब से सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी।

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