डिग्री कॉलेजों में कार्यरत संविदा प्राध्यापकों को मिलेगा 57 हजार 700 रुपये का मासिक मानदेय: उच्च शिक्षा मंत्री

राज्य के विश्विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार एकसमान पाठ्यक्रम बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए कुमाऊं विवि की ओर से नैनीताल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हो गई है। कार्यशाला के पहले दिन तकनीकी सत्रों में विज्ञान संकाय के पाठ्यक्रमों में सुझाव व सुधार कर उसे फाइनल टच दिया जाएगा।

नैनीताल के हरमिटेज भवन के सभागार में आयोजित कार्यशाला का वर्चुअल शुभारंभ मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया। अपने संबोधन में डॉ रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति महत्वाकांक्षी होने के साथ ही विजन डॉक्यूमेंट है। उन्होंने कहा कि राज्य में नई नीति के अनुसार तैयार पाठ्यक्रमों को अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे। इसके लिए धनराशि जारी की जा रही है। डिग्री कॉलेजों में कार्यरत संविदा प्राध्यापकों को यूजीसी नियमानुसार 57 हजार 700 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। मुक्त विवि के कुलपति प्रो ओपीएस नेगी ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।

ऑनलाइन व वोकेशनल कोर्स पहले से विवि ने तैयार किये हैं। पाठ्यक्रम निर्मात्री समिति के चेयरमैन व कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो एनके जोशी ने कहा कि नई नीति के तहत छात्रों को सेमेस्टर चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत पढ़ाई का अवसर मिलेगा। संचालन प्रो दिव्या उपाध्याय जोशी जबकि उद्घाटन सत्र का समापन प्रो संजय पंत ने किया।

गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल व श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति प्रो पीपी ध्यानी वर्चुअल जुड़े। इस अवसर पर विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो एबी मेलकानी, कला संकायाध्यक्ष प्रो आरके पांडे, वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो अतुल जोशी, प्रबंधन संकायाध्यक्ष प्रो पीसी कविदयाल, कुलसचिव दिनेश चन्द्रा, डीएसबी निदेशक प्रो एलएम जोशी, प्रो राजीव उपाध्याय, प्रो सावित्री जंतवाल, केके पांडेय आदि उपस्थित थे।

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