ऑनलाइन गेमिंग से परेशान हैं पेरेंट्स, अपने बच्चों को गैजेट फ्री रखने के लिए करें ये उपाय

बच्चे अक्सर मोबाइल गेम में इतने फंस जाते हैं कि उन्हें एहसास ही नहीं होता कि वे अपनी लाइफ में और क्या-क्या मिस कर रहे हैं। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है। कई बार बच्चे ऑनलाइन गेमिंग से इतना लीन हो जाते हैं कि वो अपने परिवार और पेरेंट्स से दूर होते चले जाते हैं। इसको लेकर माता-पिता भी बहुत परेशान हैं। हालांकि इसको लेकर कई अभियान भी चलाए जा रहे हैं, जिनमें से एक है एक है #GadgetFreeHour अभियान। इसके जरिए बच्चों को कुछ घंटों के लिए इलेक्ट्रिक गैजेट से दूर रहने के लिए कहा जाता है। आप भी इस अभियान से जुड़कर अपने बच्चों को कुछ देर के लिए गैजेट फ्री रहने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं। 

क्या है #GadgetFreeHour?

#GadgetFreeHour अभियान पहली बार 2019 में शुरू किया गया था। 2020 में इस अभियान से 1 मिलियन से अधिक माता-पिता और 41,635 से अधिक स्कूली बच्चों ने भाग लिया था और एक बड़ी सफलता हासिल की थी। सोशल मीडिया पर इसको लेकर दावा किया गया था कि 10 मिलियन से अधिक इंप्रेशन के साथ अभियान गति पकड़ रहा है, जिसने बच्चों और लोगों को गैजेट फ्री रहने के लिए प्रेरित किया, जिससे बच्चों का भौतिक रूप से भी विकास हो सके।

कोरोना में बढ़ा ऑनलाइन गेमिंग का ट्रेंड

बच्चों के माता-पिता का कहना है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से सभी उम्र के लोगों ने अपने मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर अधिक समय बिताना शुरू कर दिया है। #GadgetFreeHour अभियान के आयोजकों के अनुसार विश्व बाल दिवस पर अपने बच्चों के साथ विशेष रूप से समय बिताने के लिए अधिक से अधिक लोगों के अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से कम से कम एक घंटे के लिए डिस्कनेक्ट होने के लिए कहा जाता है।

50 मिलियन से अधिक लोग अभियना से जुड़े
पिछले साल 2021 में #GadgetFreeHour को विश्व बाल दिवस के दिन 20 नवंबर 2021 को ऑर्गनाइज किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों की संख्या उस समय 50 मिलियन से अधिक हो गई थी। विश्व बाल दिवस दुनिया भर में बच्चों के बीच जागरूकता और बच्चों के कल्याण में सुधार को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। 

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