रामलीला मंचन के उपरांत रौनियार समाज द्वारा भरत मिलाप का भी किया गया आयोजन।
रवि कुमार गुप्ता रौनियार की कलम से..
लाला गुरूचरण लाल रौनियार वैश्य द्वारा वर्ष 1928 मे हैदर कैनाल हैवलक रोड पुराना किला लखनऊ मे लाला गुरूचरण लाल रौनियार रामलीला के नाम से स्थापित की गई थी। यह लखनऊ की सबसे प्राचीनतम मैदानी रामलीला है।
लाला गुरूचरण लाल रौनियार धर्मशाला, जो वर्ष 1913 मे स्थपित की गई थी उक्त स्थल पर कोरोना काल के बाद से इस स्थल पर रामलीला का मंचन किया जाता है। लंकादहन मेघनाद एवम रावण दहन हैवलक रोड स्थित हैदर कैनाल पर किया जाता है इस वर्ष अत्यंत वर्षा होने के बावजूद रामलीला के प्रबंधन डॉ. सतीश कुमार गुप्ता रौनियार ने रावण के पुतले को सुरक्षित रख रावण दहन का सफलतापूर्वक कार्यक्रम का आयोजन कराया। अत्यंत वर्ष के बावजूद भारी संख्या मे लोगो ने रावण दहन को देखा, यहां की आतिशबाजी का अलग ही मजा है लोगो ने इसका भी खूब लुफ्त लिया हैदर कैनाल से पुराना किला रेलवे क्रासिंग तक चाट की दुकाने, खिलौने की दुकाने अन्य दुकाने के अतिरिक्त छोटे बड़े झूले लगते है काफी दूर दराज से आए लोगो ने भरपूर लखनवी चाट का आनंद उठाया, तरह तरह की खरीदारी की एवम छोटे बड़े झूलो का खूब आनंद लिया।
हमारी रामलीला अभी यहां समाप्त नही हुई तदुपरांत भगवान राम, लक्ष्मण एवम भरत, शत्रुघ्न जो अपने भाईयो से मिलने को व्याकुल थे उनका भरत मिलाप लाला गुरूचरण लाल रोड सदर बाजार लखनऊ मे सम्पन्न कराया गया। भरत मिलाप उपरांत शिव पार्वती का नृत्य सम्पन्न कराया गया उपस्थित जन समूह ने राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न एवम भगवान हनुमान जी की आरती एवम वन्दना की वहीं भगवान शिव पार्वती के नृत्य का आनंद लिया।