उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में नदियों ने दिखाया अपना रौद्र रूप, कहीं रोड तो कही गांवों के घरों में घुसा पानी

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में नदियों के रौद्र रूप से तबाही मची है। सरयू के सैलाब में कहीं रोड बह गई तो कई गांवों के घरों में पानी घुस गया है तो कई ग्राम पंचायतों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। गांवों में चारों ओर जलभराव से ग्रामीण की  स्थिति बहुत दयनीय है। 

सरयू में आया सैलाब बहा ले गया ढेमवा रोड 

नवाबगंज में  महीनों से  ढेमवा रोड को कटान से बचाने की सारी क़वायद सरयू के सैलाब के आगे बौनी साबित हुई। आखिरकार मंगलवार के आधी रात कम से कम तीन जगहों पर सड़क के पूरी तरह कट जाने की सूचना है। ढेमवा चौकी से लेकर बड़े पुल तक लगभग 2200 मीटर के सड़क पर पानी के तेज बहाव के चलते रोड पर कितने दूरी मे कटान हुई है इस बात का पता लगाना कठिन  है। नवाबगंज से ढेमवा पुल तक सड़क के दर्जनो स्थान पर पानी के बहाव के चलते नवाबगंज के तरफ से सम्पर्क पूरी तरह से कट गया है।  रौनाही अयोध्या होते हुए लोग बमुश्किल ढेमवा पुल तक ही पहुंच पा रहे है। मौके पर पहुंचना बिना मोटरबोट के पहुंचना नामुमकिन हो गया है। करीब 20 किमी ढेमवा मार्ग पर महंगूपूर, तुलसीपुर, गोकुला, साकीपुर और दत्तनगर गांव के आसपास तमाम जगहों पर रोड पर चार से पांच फुट पानी का बहाव है।

बाढ़ से कई ग्राम पंचायतों का मुख्यालय से संपर्क टूटा, माझावासी घरों में कैद

तरबगंज तहसील क्षेत्र के सोनौली मोहम्मदपुर से चौखड़िया के बीच कई ग्राम पंचायतों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। इन गांव तक पहुंचने का मात्र एक सहारा नाव है। बहादुरपुर, बनगांव, व्यौदा माझा, व्यौदा उपरहार, कडौरा, चंदसुहा, ऐली परसौली समेत कई ग्राम पंचायतों का मुख्य संपर्क मार्ग बाढ़ से पूरी तरह से कट गया है। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं, ग्रामीण दैनिक आवश्यकताओं के लिए बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि राहत के लिए पर्याप्त मात्रा में गांव में नाव भी मौजूद नहीं है। ग्रामीण राहत के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। किंतु तहसील प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा है।

इटियाथोक में बाढ़ के लोग बेहाल, गांवों में भरा पानी

 बिसुही नदी के भयावह रुप के कारण आसपास के गांवों की स्थिति बहुत दयनीय है। क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बहुत चिंताजनक है। ग्रामीणों को राहत के नाम पर कुछ सहायता नहीं मिली है। ग्रामीणों की स्थिति बहुत खतरनाक है। गांवों में चारों ओर जलभराव है। बिरमापुर, तेलियानी कानूनगो, नयेगांव, अगेहा, ज्वालापुरवा, लोहसीसा, पूरे मनोगा, चुरिहार पुर सहित अन्य दर्जनों गांवों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विसुही नदी का पानी गांवों में उल्टा बह रहा है। दर्जनों विद्यालय में जलभराव है। उच्च प्राथमिक विद्यालय ज्वालापुरवा, तेलियानी कानूनगो, नयेगांव, रूदापुर, सहित अन्य विद्यालयों में जलभराव की स्थिति है। किसी किसी विद्यालय में एक से दो फीट तक पानी भरा है। ज्वालापुरवा में मवेशियों की बीमारी के चलते दर्जनों बकरियां मर गयी। बरसात बंद होने के तीन दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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