जानिए उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को ले किये कौन से दावे…

उत्तराखंड सरकार ने दावा किया कि चारधाम यात्रा शुरू होने से जोशीमठ क्षेत्र व बद्रीनाथ धाम जाने के मार्ग को दुरूस्त कर लिया जाएगा। यात्रा सुचारू रूप से संचालित की जाएगी। दूसरी तरफ, बारिश की संभावाओं को देखते हुए भी प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी हैं। वर्तमान में विभिन्न स्थानों पर 4400 कक्ष आरक्षित हैं।

इनमें जरूरत पड़ने पर जोशीमठ भूधंसाव प्रभावित परिवारों को शिफ्ट किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जेपी कालोनी में पिछले दिनों से जारी जल रिसाव में काफी गिरावट आई है। अब यह 123 लीटर प्रति मिनट हो चुका है। जबकि पहले यह 500 लीटर प्रतिमिनट तक था।

जोशीमठ से आगे बद्रीनाथ मार्ग के प्रभावित होने पर सचिव ने कहा कि कुछ मार्ग अवश्य प्रभावित हुए हैँ। उनमें क्रैक्स आए हैं। लेकिन उपचार का काम भी उतनी ही तेजी से चल रहा है।सचिव ने कहा कि अभी यात्रा शुरू होने में काफी वक्त है। समय रहते तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।

बारिश होने पर सर्वेक्षण आदि कार्यों में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। 250 परिवारों के 838 लोगों को सुरक्षित राहत कैंपों में सुरक्षित रखा गया है। जोशीमठ समेत विभिन्न क्षेत्रों में 4400 लोगों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है।

वैज्ञानिकों ने सर्वेक्षणों की टाइम लाइन तय की
देहरादून। जोशीमठ का सर्वेक्षण कर रहे विभिन्न शोध संस्थानों ने अपनी रिपेार्ट देने के लिए समय तय कर दिया। तीन महीने के भीतर सभी संस्थान सर्वेक्षण रिपेार्ट सौंप लीड संस्था  सीबीआरआई को सौंप देंगे। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार सीबीआरआई तीन हफ्ते,  एनजीआरआई दो हफ्ते में प्राथमिक और तीन हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट दे देगी। जबकि वाडिया की पहली रिपोर्ट दो हफ्ते के भीतर आ जाएगी।  

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency