मध्य प्रदेश में सरकार नापेगी एरियल डिस्टेंस, पढ़े पूरी ख़बर
मध्य प्रदेश में शराब नीति में जल्द ही बदलाव किया जाएगा लेकिन उससे पहले सरकार शराब की दुकानों की स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल और धार्मिक स्थलों से न्यूनतम 50 मीटर की दूरी सुनिश्चित करने के लिए एरियल डिस्टेंस नापेगी। एरियल डिस्टेंस नापने के इस संशोधन का उल्लेख महीने के अंत में शराब नीति में किया जाएगा। एमपी में गर्ल्स स्कूल और कॉलेज, छात्राओं के लिए हॉस्टल और धार्मिक स्थलों से 50 मीटर के दायरे में शराब की दुकान लगाना गैरकानूनी है। हालांकि कुछ जगहों पर इस नियम से बचने के लिए खामियों का फायदा उठाया गया है। जिसके बाद अब एरियल दूरी के जरिये इन खामियों को दूर किया जाएगा ताकि शराब दुकानदार अब तक मौजूद नियम का फायदा न उठा सकें।
मौजूदा मानकों के अनुसार 50 मीटर दूरी को सड़क की दूरी के रूप में नापा जाता है। इसलिए, भले ही शराब की दुकान किसी स्कूल के पीछे की ओर हो, लेकिन स्कूल से दुकान तक की सड़क 50 मीटर से अधिक हो तो इसे मानकों के अनुसार माना जाता रहा है। एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि अब हवाई दूरी को मापने से यह सुनिश्चित होगा कि दुकान स्कूलों या धार्मिक स्थलों से दूर रहे। आबकारी नीति में एक और बदलाव की उम्मीद है कि सभी समग्र शराब की दुकानों को बोतलबंद मूल शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी – यह सुविधा अब तक हर शराब की दुकान के लिए उपलब्ध नहीं है। आबकारी नीति को जल्द ही अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा।
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य में शराब की नई दुकानें नहीं खोली हैं और न ही शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के प्रयास किए हैं, लेकिन आंकड़ों के अनुसार सूबे में शराब की खपत तेजी से बढ़ी है। सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, छोटे शहरों में भी हर साल शराब की खपत तेजी से बढ़ रही है। इस वर्ष वार्षिक वृद्धि 56 फीसदी दर्ज की गयी है।
पिछले दो सालों में शराब बिक्री से सरकार के राजस्व में भी लगभग 40% की वृद्धि हुई है। राज्य में 3,605 शराब की दुकानें ऐसी हैं जो देशी शराब, आईएमएफएल और बीयर बेचती हैं। पिछले साल जब देशी शराब की दुकानों और भारत में बनी विदेशी शराब और बीयर को अलग किया गया था, तो 2,541 देशी शराब की दुकानें और 1,064 भारतीय निर्मित विदेशी शराब की दुकानें थीं।
मध्य प्रदेश में शराब शुरुआत से ही सियासी मुद्दा रहा है। सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब के खिलाफ अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं। चुनावी साल में राज्य की नई आबकारी नीति अगले कुछ दिनों में सामने आने से यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है।