एक श्लोक के जरिए आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कौन-सी बातें मृत्यु के समान होती हैं…

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन के कई पहलुओं का वर्णन किया है। जिसमें दुख-सुख, व्यापार, करियर, धन, रिश्ते, पति-पत्नी व बच्चों आदि से जुड़ी बातें बताई हैं। कहते हैं कि चाणकय नीतियों का पालन कठिन है। लेकिन जिस व्यक्ति ने भी इन्हें जीवन में अपना लिया उसे कम ही असफलता का सामना करना पड़ता है। एक श्लोक के जरिए आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कौन-सी बातें मृत्यु के समान होती हैं।

दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः। 
ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः।।

इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि दुष्ट स्वभाव वाली, कठोर वचन बोलने वाली, दुराचारिणी स्त्री, दुष्ट स्वभाव वाला मित्र, सामने बोलने वाला मुंहफट नौकर और ऐसे में निवास जहां सांप होने की संभावना हो, ये सब बातें मृत्यु के समान हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस घर में दुष्ट स्त्रियां होती हैं, वहां गृहस्वामी की स्थिति किसी मृतक के समान ही होती है। क्योंकि ऐसा व्यक्ति अंदर ही अंदर कुढ़ते हुए मृत्यु की ओर सरकता रहता है। इसी तरह दुष्ट स्वभाव वाला मित्र भी विश्वास के योग्य नहीं होता, पता नहीं होता कब धोखा दे दे। जो नौकर या आपके अधीन काम करने वाला कर्मचारी उलटकर आपके सामने जवाब देता है, वह कभी भी आपको असहनीय हानि पहुंचा सकता है। इसी तरह से जहां सांपों का वास हो, वहां रहना रहना भी खतरनाक है। न जाने कब सर्पदंश का शिकार होना पड़ जाए।

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