पैक्सों के गठन के लिए नई नियमावाली बनाई गई है जिसे अभी तक 17 राज्यों ने स्वीकार कर लिया…

केंद्र सरकार प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र को समृद्ध करने के अभियान में जुटी है। पैक्सों के गठन के लिए नई नियमावाली बनाई गई है, जिसे अभी तक 17 राज्यों ने स्वीकार कर लिया है। शेष राज्यों ने भी रूचि ली है और पूछताछ कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश में पांच वर्षों के भीतर दो लाख पंचायतों में नए पैक्सों का गठन किया जाना है। अभी 63 हजार पैक्स काम कर रहे हैं। इन सभी में कंप्यूटर लगाए जा रहे हैं। ढाई हजार करोड़ की लागत आ रही है। सभी पैक्सों में स्थानीय भाषा में कामकाज होगा। सबका प्रतिदिन आडिट भी होगा। जिन राज्यों ने नई नियमावली को स्वीकार कर लिया है, वहां पैक्सों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

नई नियमावली के तहत बहुउद्देश्यीय पैक्सों का गठन होगा, जिनमें 25 तरह की सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। पैक्सों के जरिए सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता लाई जाएगी। अमित शाह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता क्षेत्र को पुनर्जीवित, सुदृढ़ और आदर्श बनाने के लिए नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। कम समय में ही हम सहकारिता क्षेत्र में कई बड़े काम किए हैं।

मंत्रालय ने तय किया है कि पैक्सों के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इन्हें पेट्रोल पंप खोलने का भी विकल्प दिया जाएगा। साथ ही एलपीजी वितरक बनाने के लिए भी मंत्रालय स्तर पर नियमों में संशोधन किया जा रहा है। डेयरी, भंडारण, कृषि लोन देने की व्यवस्था, इफको डीलरशिप, बैंकिंग, सस्ते अनाज की दुकान, कामन सर्विस सेंटर, जल व्यवस्थापन जैसे काम दिए जाएंगे। इससे पैक्सों की आमदनी बढ़ेगी।

काम के विस्तार के साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन होगा, क्योंकि इतने सारे कार्यों के लिए मैन पावर चाहिए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि देश में 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में सहकारिता से जुड़े हुए हैं। इसलिए इसे सशक्त बनाना जरूरी है। केंद्र सरकार जैविक उत्पाद, बीज व निर्यात संबंधी तीन मल्टी स्टेट को-आपरेटिव सोसाइटी बनाई है, जिनमें इफको अग्रणी निवेशक है।

इसके अनुभव का फायदा तीनों समितियों को मिलेगा। आने वाली योजनाओं का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि सहकारी समितियों की देशव्यापी मैपिंग के लिए राष्ट्रीय सहकारी डाटा बेस बनाया जा रहा है। पैक्स एवं प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों में नकद जमा एवं ऋण की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये प्रति सदस्य किया गया है।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency