पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगा…

आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान दिवालिया (डिफॉल्ट) होने की कगार पर खड़ा है लेकिन उसने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तों से तौबा कर ली है। पाकिस्तान का कहना है कि उसे अब और ज्यादा शर्तें नहीं माननी हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगा। डार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से आईएमएफ पर निर्भर करता है कि वह स्टाफ स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर करता है या नहीं।

पाकिस्तान स्थित एआरवाई न्यूज के मुताबिक, के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा, “हम पहले ही आईएमएफ की पूर्व-शर्तें लागू कर चुके हैं, लेकिन अब नहीं।” उन्होंने कहा कि सरकार ने मई और जून में 3.7 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने की योजना बनाई है और इसके लिए उसे किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ रहा है। डार ने उम्मीद जताई कि चीन पाकिस्तान को 2.4 अरब डॉलर का कर्ज भी देगा। वित्त मंत्री ने पहले कहा था कि पाकिस्तान दिवालिया नहीं होगा फिर चाहे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष मदद दे या नहीं। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार ने आईएमएफ की सभी शर्तों को लागू करने का काम पूरा कर लिया है।

डार ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अर्थव्यवस्था संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान का क्षेत्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भौगोलिक महत्व है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और ईरान संबंधों की बहाली स्वागत योग्य है क्योंकि विवादों की समाप्ति से क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। डार ने कहा कि आर्थिक स्थिरता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ कर्मचारी स्तर के समझौते का इंतजार कर रही है और ऋण के लिए पूर्व शर्तें पहले ही लागू की गई हैं।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency