मायावती ने कहा, यूपी चुनाव में 2007 की तरह ही आएंगे नतीजे,उपलब्धियों के खजाने से लोगों को लुभाएगी

बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनता के बीच वादों का पिटारा लेकर नहीं जाएगी, बल्कि उपलब्धियों के खजाने से लोगों को लुभाएगी। चार बार के शासन में हुए कार्यों का पत्रक (फोर्डर) तैयार कराया गया है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती सोमवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि ये पत्रक आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोग जान सके कि इसी तर्ज पर बसपा विकास कार्य कराएगी।

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार वर्ष 2007 की तरह ही नतीजे आएंगे। उन्होंने कहा बसपा शासनकाल की तरह किसी भी सरकार ने कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमने 2007 से 2012 के दौरान सत्ता में रहते हुए जो विकास के कार्य किए। उनका प्रचार करके ही जनता से समर्थन मांगेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि चुनाव की तैयारी में जुटें। उन्होंने कहा कि पार्टी घोषणापत्र जारी नहीं करती, बल्कि करके दिखाने में विश्वास करती है। बसपा ने देश की आजादी के बाद सबसे अधिक विकास कराया है।

उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि सूबे की 86 सुरक्षित विधानसभा सीटों के अध्यक्षों को बुलाया है उनके साथ मंथन करेंगे कि 2007 की तरह सभी सीटों को कैसे जीता जाए। सभी 75 जिलों के पदाधिकारियों से वार्ता कर रही हूं, लगातार रिव्यू जारी है। उन्होंने कहा कि वह इन सभी सीटों पर तैयारियों की खुद समीक्षा करेंगी साथ ही पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह इन सभी सीटों पर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए समीक्षा करें और एक नया समीकरण तैयार करें।

राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक फोल्डर तैयार किया गया है जिसे कार्यकर्ता गांव-गांव तक पहुंचाएंगे। एक नई रणनीति तैयार करने को भी कहा गया है। मायावती ने कहा कि उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों को सपा और भाजपा अपना बताती रही हैं । ऐसे में लोगों तक यह जानकारी पहुंचाना बहुत जरूरी है।

बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून तो वापस ले लिए हैं, लेकिन सरकार को किसान संगठनों के साथ बैठ कर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि किसान लोग खुशी-खुशी अपने घर वापस जाकर अपने काम में लग जाएं। केंद्र सरकार को इस मामले को ज्यादा नहीं लटकाना चाहिए।

Related Articles

Back to top button