योगी सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (मुख्यमंत्री युवा) को लागू करने का फैसला किया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को बढ़ावा देना है।

10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयां स्थापित होंगी

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इस योजना के तहत अगले 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे हर साल लगभग 1 लाख शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

आवेदकों के लिए शैक्षिक योग्यता और प्रशिक्षण आवश्यक

इस योजना में आवेदन करने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ पास होनी चाहिए, जबकि इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक को विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे- विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति प्रशिक्षण योजनाएं और उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित होना अनिवार्य होगा।

परियोजना लागत और ऋण पर अनुदान

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सूक्ष्म उद्यमों और सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर ऋण पर अनुदान प्रदान किया जाएगा। यदि परियोजना की लागत 10 लाख रुपये तक है, तो शेष धनराशि का प्रबंध लाभार्थी को स्वयं करना होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को 12.5 प्रतिशत, और अनुसूचित जाति, जनजाति और दिव्यांगजन को 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों के लिए विशेष प्रावधान

इस योजना में बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों जैसे चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के लाभार्थियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन क्षेत्रों के लाभार्थियों को भी परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा।

ऋण पर ब्याज उपदान और अधिस्थगन अवधि

योजना के तहत, ऋण पर 4 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत ब्याज उपदान दिया जाएगा, साथ ही लोन की तिथि से 6 माह की अधिस्थगन अवधि (Moratorium Period) भी दी जाएगी। इसके अलावा, पहली बार लाभ पाने वाले युवा दूसरे चरण के लिए भी पात्र होंगे, जहां उन्हें 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।

डिजिटल ट्रांजैक्शन को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना में डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा दिया गया है। इसके तहत प्रति ट्रांजैक्शन 1 रुपये और अधिकतम 2000 रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।

यह योजना प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और राज्य की आर्थिक प्रगति को बल देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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