अगर आपके घर पर भी कूलर लगा है, तो वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करें…

सनातन धर्म में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु नियम महज गृह निर्माण और प्रवेश के लिए ही नहीं होता है, अपितु घर में रखी हर एक चीज के लिए होता है। वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। वहीं, लापरवाही बरतने से घर में कलह और आर्थिक तंगी की स्थिति बनी रही है। इसके लिए वास्तु नियमों का पालन जरूरी है। वास्तु शास्त्र में कूलर के लिए नियम बनाए गए हैं। अगर आपके घर पर भी कूलर लगा है, तो वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करें। आइए जानते हैं-

-वास्तु जानकारों की मानें तो घर में सफेद रंग का कूलर रखना शुभ होता है। इसके अलावा, क्रीम या सिल्वर रंग के कूलर भी रख सकते हैं। वहीं, अन्य रंगों के कूलर रखने से वास्तु दोष लगता है। इसके लिए जब कभी कूलर खरीदें, तो केवल सफेद रंग के कूलर ही खरीदें।

-वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि गलती से भी नीला, लाल और स्लेटी रंग के कूलर का इस्तेमाल न करें। आसान शब्दों में कहें तो इन रंगों का कूलर न खरीदें। ऐसा करने से घर में वास्तु दोष लगता है।

घर में खराब पड़ी चीजों को रखने से वास्तु दोष लगता है। इसके लिए खराब कूलर भी घर में न रखें। अगर रखते हैं, तो घर में वास्तु दोष लग सकता है। एक बार वास्तु दोष लग जाने के बाद आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा जाती है। अतः खराब कूलर को बेच दें। इसके अलावा, खराब कूलर को ठीक कराकर यूज कर सकते हैं।

-वास्तु जानकारों का कहना है कि कूलर का संबंध राहु, केतु, शनि और चंद्र से है। इसके लिए कूलर को हमेशा उत्तर पूर्व कोण में ही रखना चाहिए। इस दिशा में कूलर रखने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही घर में खुशहाली आती है।

किसी कारणवश या जगह के चलते ईशान कोण में कूलर नहीं रख पा रहे हैं, तो उत्तर पश्चिम दिशा में कूलर रखें। भूलकर भी दक्षिण पश्चिम दिशा में कूलर न रखें। इसके बावजूद अगर आप दक्षिण-पश्चिम दिशा में कूलर रखना चाहते हैं, तो कूलर को गुलाबी रंग से पेंट कर दें।

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