मुख्यमंत्री ने की राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के नए अध्यक्षों से बैठक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर

लखनऊ, 08 अक्टूबर 2024 – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राज्य के अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के नए नियुक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्षों और सदस्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य समाज के पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना था।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान प्रदेश में लागू की गईं विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया, जिनका लाभ अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों तक पहुँच रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समग्र और सतत विकास की दिशा में काम हो रहा है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को समान रूप से लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।”

56 लाख से अधिक परिवारों को आवास उपलब्ध कराए गए

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 56 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के आवास उपलब्ध कराए हैं। इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर दिया जा रहा है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कई जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति के लाभार्थियों को पक्के आवास की सुविधा भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 86 लाख रसोई गैस कनेक्शन वितरित किये गये हैं। 05 करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरित करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों के शैक्षणिक सशक्तिकरण की बात की। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के बच्चों के लिए स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है। साथ ही, छात्रवृत्तियाँ और अन्य आर्थिक सहायता योजनाएँ भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग से सम्बन्धित बच्चों की स्कॉलरशिप में कई गुना वृद्धि की गयी है।

शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर

उन्होंने आयोग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी स्तरों पर बैठकें आयोजित की जाएँ ताकि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके और लोगों को उनका लाभ समय पर मिले। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय न हो, और आयोग के कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे।

समाज की समस्याओं के समाधान पर बल

मुख्यमंत्री ने समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं का समाधान करने पर जोर देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की शिकायतों को तेजी से हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग के अधिकारियों को जिला स्तर पर नियमित बैठकें करनी चाहिए, ताकि स्थानीय समस्याओं का समाधान हो सके और सरकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुँच सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग का कार्य केवल समस्या समाधान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि सतत विकास की दिशा में भी काम करना चाहिए।

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