इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सड़क सुरक्षा पखवाड़े का समापन, उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए गंभीर प्रयास

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह की अध्यक्षता में इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सड़क सुरक्षा पखवाड़े का समापन समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 2 अक्टूबर, गांधी जयंती से शुरू हुआ था और 13 अक्टूबर को इसका समापन हुआ। इस अवसर पर श्री सिंह ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए आम नागरिकों से सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की।

प्रदेश में हाईवेज का विस्तार और सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती चिंता

श्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 13 हाईवेज हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं। इनमें से 6 हाईवेज का निर्माण पूरा हो चुका है, और शेष हाईवेज का काम तेजी से चल रहा है। हाईवेज के निर्माण से आवागमन में सुविधा तो बढ़ी है, लेकिन इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।
श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि में देशभर में सबसे आगे है, जो अत्यधिक चिंता का कारण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सड़क सुरक्षा को लेकर अत्यधिक संवेदनशील हैं, और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

23 हजार से ज्यादा मौतें प्रतिवर्ष, युवाओं की अधिक संख्या

परिवहन मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष लगभग 23 हजार मौतें होती हैं, जो कोरोना महामारी के दौरान हुई मौतों से भी अधिक हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या 18-35 आयु वर्ग के युवाओं की है। श्री सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है, और इसके लिए विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान और सड़क सुरक्षा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।

सड़क सुरक्षा में छात्र-छात्राओं की भूमिका

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। श्री दयाशंकर सिंह ने उनसे आह्वान किया कि वे सड़क सुरक्षा नियमों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहेगी, तो दुर्घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी।

रोड सेफ्टी क्लब और सड़क सुरक्षा अभियान

परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी कॉलेजों और विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया गया है, जो सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा परिवहन विभाग और अन्य सहयोगी विभागों जैसे पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगर विकास आदि के साथ मिलकर समय-समय पर सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाता है, जिससे आम जनता को जागरूक किया जा सके।

स्वच्छता अभियान से सीख लेने की आवश्यकता

श्री सिंह ने कहा कि जैसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान शुरू होने के बाद लोग अब साफ-सफाई के प्रति जागरूक हो गए हैं, वैसे ही सड़क सुरक्षा के प्रति भी जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत लोगों ने साफ-सफाई में अपना योगदान दिया और गंदगी करने वालों को टोकने की आदत डाली। उसी तरह, सड़क सुरक्षा के मामले में भी व्यक्तिगत सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति से परिवर्तन लाया जा सकता है।

सड़क सुरक्षा शपथ और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता

समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को सड़क सुरक्षा शपथ दिलाई गई और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उद्धरण सुनाया गया, जिसमें उन्होंने कहा था, “सपने वो नहीं होते जो रात में हम देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो हमें सोने न दें”। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक और एलईडी पैनल पर विज्ञापनों के माध्यम से सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।

28 नए इंटरसेप्टर वाहनों की शुरुआत

सड़क सुरक्षा को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से, परिवहन मंत्री ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर 28 नए इंटरसेप्टर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि इन वाहनों से सड़क सुरक्षा के कार्यों में और तेजी आएगी।
इन इंटरसेप्टर वाहनों का उपयोग ओवर स्पीडिंग, ड्रंक ड्राइविंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और मोबाइल इस्तेमाल जैसे नियम उल्लंघनों की निगरानी के लिए किया जाएगा, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और परिवहन विभाग के अधिकारियों को कार्य करने में सुगमता होगी।

आम जनता की भागीदारी जरूरी

परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आम जनता की भागीदारी बहुत जरूरी है। सरकार और विभागीय प्रयासों के साथ-साथ जब तक आम जनता सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करेगी, तब तक हादसों को रोकना मुश्किल होगा।

उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में सफल समापन

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव परिवहन श्री एल0 वेंकटेश्वर लू, परिवहन आयुक्त श्री चंद्रभूषण सिंह, अपर परिवहन आयुक्त श्री पुष्पसेन सत्यार्थी, श्री ए0 के0 सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी श्री संजय कुमार तिवारी और श्री संदीप कुमार पंकज समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

इस सड़क सुरक्षा पखवाड़े का समापन उत्तर प्रदेश के लिए एक नई दिशा और उम्मीद की किरण लेकर आया है, जिससे प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाने और लोगों को सुरक्षित यात्रा के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency