एक ट्रिलियन डॉलर’ की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर उत्तर प्रदेश, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा
लखनऊ, 24 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें विभागीय कार्यकलापों की प्रगति की समीक्षा की गई। इस बैठक का आयोजन लखनऊ स्थित पर्यटन भवन में किया गया, जहां प्रदेश में संचालित विभिन्न परियोजनाओं और विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति का गहन निरीक्षण किया गया।
परियोजनाओं की समीक्षा और समयसीमा का पालन
बैठक के दौरान मंत्री जयवीर सिंह ने लंबित और विलंबित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि, “वर्ष 2023-24 की सभी लंबित परियोजनाओं को तय समयसीमा के भीतर पूरा करना आवश्यक है।” उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने और विकास कार्यों की गति को तेज करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का पालन करने की बात कही, जिसमें अयोध्या के विकास मॉडल को अपनाने पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि, “अयोध्या की तर्ज पर प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण शहरों में भी विकास कार्य किए जाएं, जिसमें ड्रेनेज, सीवर और बिजली जैसी आधारभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।”
धार्मिक स्थलों का विकास: भव्यता और धार्मिकता का संतुलन
जयवीर सिंह ने विशेष रूप से धार्मिक स्थलों के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि, “अयोध्या, मथुरा और वाराणसी में धार्मिक स्थलों का विकास भव्यता के साथ किया जाए।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि, इन स्थलों के निर्माण में धन की परवाह किए बिना सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि, “सनातन धर्म सहित अन्य धार्मिक स्थलों के विकास में किसी प्रकार की बाधा न आए, और जमीन अधिग्रहण संबंधी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए।” उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को और अधिक समृद्ध किया जा सके।
पर्यटन विकास: वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में योगदान
पर्यटन मंत्री ने उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयासों में पर्यटन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि, “पर्यटकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग को विकास कार्यों को मूर्त रूप देने पर ध्यान देना चाहिए।”
बैठक में श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और बलरामपुर में इको-टूरिज्म की संभावनाओं पर भी विमर्श हुआ। मंत्री ने बलरामपुर में इको-टूरिज्म के विकास की संभावना पर जोर देते हुए इसे विकसित करने के निर्देश दिए।
महाकुंभ-2025 की तैयारी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि
मंत्री जयवीर सिंह ने महाकुंभ-2025 से संबंधित कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि, “महाकुंभ एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसके लिए समस्त विकास कार्यों को समय पर पूरा करना जरूरी है।” उन्होंने बोट मैन, होम स्टे संचालकों, टूरिस्ट पुलिस, वेंडर्स और स्टोरीटेलिंग आदि के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।
विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स को आमंत्रित करने और उनकी सहायता लेने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि, “विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग को अधिक सक्रियता से कार्य करना होगा।”
अधिकारियों की सहभागिता और जनप्रतिनिधियों के साथ सहयोग
जयवीर सिंह ने जनप्रतिनिधियों से जुड़े विकास कार्यों और उनसे संबंधित समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मंडलों के अधिकारियों से हफ्तेभर के भीतर विकास प्रस्ताव पेश करने को कहा, जिससे योजनाओं को त्वरित गति से लागू किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, प्रबंध निदेशक यूपीएसटीडीसी रवि रंजन, विशेष सचिव उत्तर प्रदेश पर्यटन ईशा प्रिया, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, और यूपी पर्यटन सलाहकार जे.पी. सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।