कुछ बड़ा नही तो क्यों हो रही यूपी बीजेपी में बैठकें?कई मंत्रियों से हुई बीएल संतोष की बैठक

हिमांशु पुरी, सलाहकार संपादक-
लखनऊ। आखिर कुछ बड़ा नहीं होने वाला है तो क्यों हो रहा है बीजेपी यूपी में मंथन? क्यों जारी है बैठकों का दौर? उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम मंत्रियों का क्यों लग रहा बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जमावड़ा? प्रत्येक मंत्री के हाथ में वह कौन सा है कागज जिसको लेकर वह कर रहे बीएल संतोष से मुलाकात?
दरअसल इन सभी सवालों को लेकर जब मंत्रियों से मीडिया मुखातिब होती है तो फिलहाल तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते लेकिन मंत्रियों के चेहरों पर देख रहे भाव मंडल और यूपी में होने वाले 2022 के चुनाव को लेकर दिए जा रहे बयान के बाद एक बात तो साफ है कि अब यूपी में नौकरशाहों की नहीं चलेगी क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व से लगभग सभी मंत्रियों ने यह बात रखी है और बैठक के बाद निकल रहे मंत्रियों के चेहरे पर दिख रहा आत्मविश्वास उनकी बात पर मोहर लगाता दिखाई देने दे रहा है। यूपी बीजेपी में बीते कई दिनों से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जिनमे कभी केशव प्रसाद मौर्या को प्रदेश बीजेपी की कमान बतौर अध्यक्ष दे दी जाएगी तो वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी आईएएस अधिकारी रहे और मौजूदा एमएलसी एके शर्मा को यूपी योगी सरकार में डिप्टी सीएम का पद नवाजा जाएगा। इसी को लेकर केंद्रीय संगठन ने बीएल संतोष को यूपी में जाकर जनप्रतिनिधियों खासकर योगी सरकार के मंत्रियों से अलग अलग बात करने का निर्देश दिया था। बीएल संतोष बीते कई दिनों से लखनऊ में है और कल उन्होंने सीएम योगी के आवास पर कई घंटे तक मीटिंग करी। जिसमें खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा डिप्टी सीएम केशव मौर्या, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल मौजूद रहे। वही आज यूपी के बीजेपी कार्यालय में सुबह से ही मंत्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। बीएल संतोष ने अलग-अलग मंत्रियों जिनमे डिप्टी सीएम केशव मौर्य, दिनेश शर्मा सहित स्वामी प्रसाद मौर्या, सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की। खास बात या दिखी की गाड़ी से उतरते ही सभी मंत्रियों के हाथ में कमोबेश एक जैसा सफेद कागज दिखाई दिया और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी से उनके विभाग की स्थितियों पर एक रिपोर्ट ली गई है। यही नहीं मौजूदा योगी सरकार की स्थितियों पर भी विचार विमर्श किया गया है और आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा की गई है। जिसको लेकर अब आने वाले कुछ ही दिनों में उत्तर प्रदेश बीजेपी समेत योगी सरकार में बड़े बदलाव की संभावना को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि लगातार इस बात को लेकर योगी सरकार पर विपक्ष हमलावर था की सरकार अफसरशाही से गिर चुकी है और अब विपक्ष के अलावा बीते कुछ महीनों में सरकार के मंत्री, विधायक भी इस बात को लेकर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि सरकार में उनकी सुनी नहीं जा रही है। अफसर फोन नहीं उठाते, बात नहीं सुनते। मंत्री विधायक अपने लोगों का काम नहीं करा पा रहे और इन सब के बीच बीते दिनों कोरोनावायरस के दौरान जिस तरह से योगी सरकार के प्रबंधन पर सवाल खड़े हुए। सोशल मीडिया में आम जनता ने भी मुखर होकर सरकार का विरोध किया और विपक्ष को एक बड़ा एजेंडा मिला। उस पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है। लिहाजा अब इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बीते 4 साल में अब तक ऐसी कोई बैठक केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से उत्तर प्रदेश में नहीं हुई तो अब आखिर इसकी जरूरत क्यों आन पड़ी? वह भी तब जब 2022 के चुनाव में महज 8 महीने ही बचे हैं। क्या आने वाले 2022 के चुनाव में BJP अपनी रणनीति में बदलाव बदलाव करना चाह रही है ? इन सब को लेकर अभी फिलहाल सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि बीजेपी आलाकमान की तरफ से अभी कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले कुछ दिनों में यूपी बीजेपी और प्रदेश की योगी सरकार में क्या बदलाव होने वाला है।

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