ट्राई के आदेशों का उल्लंघन कर टेलिकाम कंपनियां थोड़े से मुनाफे के लिए ग्राहकों को भेज रही ब्लक मैसेज

भारतीय दूर संचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आदेशों का उल्लंघन कर टेलिकाम कंपनियां थोड़े से मुनाफे के लिए ग्राहकों को ब्लक मैसेज भेज रही हैं, जिसके कारण लोग झांसे में आकर साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क (एसटीएफ) की ओर से की गई जांच में यह बात सामने आई है। एसटीएफ की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर टेलिकाम कंपनियों पर शिकंजा कसने को कहा गया है। इसके साथ ही एसटीएफ की ओर से पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन से भी पत्रावली की गई है। इसमें टेलिकाम कंपनियों के लिए नए शासनादेश जारी करने की बात कही गई है।

सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जिसमें बीएसएनएल, एयरटेल, जियो, वीआई सहित अन्य कंपनियां ग्राहकों को ब्लक मैसेज भेजने का काम कर रही हैं। जब उनसे ब्लक मैसेज भिजवाने वाले का रिकार्ड मांगा जाता है तो वह स्पष्ट जानकारी मुहैय्या नहीं कर पाते। ऐसे में पुलिस साइबर ठगी करने वाले ठगों तक नहीं पहुंच पाती।
जांच में यह बात आई सामने
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि टीम की ओर से जब जांच की गई तो पता चला कि कुछ टेलिकाम कंपनियां 10 हजार रुपये लेकर अपने उपभोक्ताओं को 10 लाख संदेश भेज देती है। मैसेज भिजवाने का रजिस्ट्रेशन व पूरी डिटेल नहीं मांगी जाती। जब मैसेज भिजवाने वाले का पता करवाया जाता है तो पता लगता है कि व्यक्ति ने फर्जी पहचान पत्र से यह काम किया है।
यह भेजकर की जा रही है ठगी
उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबरों पर भेजे गए मैसेज में यह कंटेंट भेजा जा रहा है कि आपका नंबर बंद होने वाला है। केवाईसी अपडेट करा लें। इसके लिए साइबर अपराधी मैसेज की कंटेंट में संपर्क करने के लिए नंबर भेजते हैं। उन नंबरों पर संपर्क करते ही साइबर ठग व्यक्तियों को एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट सहित अन्य एप डाउनलोड करवा कर खातों में सेंध लगा रहे हैं
अजय सिंह (एसएसपी एसटीएफ) का कहना है कि साइबर ठगों की ओर से टेलिकाम कंपनियों से सांठगांठ करके ब्लक मैसेज भेजे जा रहे हैं, जिससे साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर ट्राई की ओर से जारी शासनादेश का पालन करवाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा शासन को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया है।