सनस्क्रीन खरीदते वक्त सिर्फ SPF ही नहीं, बल्कि इन बातों का भी रखें ख्याल

बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप आपकी स्किन को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए सही Sunscreen का चयन करना बेहद जरूरी है। धूप से निकलने वाली हानिकारक किरणों से न सिर्फ झुर्रियां और डार्क स्पॉट्स हो सकते हैं बल्कि स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। आइए जानें कैसे चुनें अपने लिए Best Sunscreen और इसे लगाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

गर्मी का प्रकोप हर दिन नई ऊंचाईयां छू रहा है। चिलचिलाती धूप और गर्म हवा के थपेड़ों से इंसान से लेकर जानवर और पेड़-पौधे सबका बुरा हाल है। ऐसे में गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए हम कितनी ही कोशिश कर लें कि धूप में न जाएं, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है। किसी न किसी काम की वजह से बाहर जाना ही पड़ता है और तब होता है प्रचंड गर्मी और लू से सामना। ऐसे में तपती धूप का असर सबसे पहले हमारी त्वचा पर ही होता है। इसलिए बढ़ती गर्मी की वजह से लोगों को स्किन से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें Sunburn और Skin Rash सबसे आम हैं।

इसलिए गर्मी से अपनी त्वचा को बचाने के लिए सबसे असरदार उपाय है Sunscreen का उपयोग। लेकिन क्या हर सनस्क्रीन आपकी त्वचा को इस तिलमिला देने वाली धूप से सुरक्षा प्रदान कर सकती है? सनस्क्रीन खरीदते समय किन मानदंडों का ख्याल रखना चाहिए और कितना सनस्क्रीन लगाना चाहिए। ऐसे ही कई सवालों का जवाब देने की कोशिश हमने इस आर्टिकल में की है। आइए जानें कैसे चुनें अपने लिए सबसे Best Sunscreen।

सूरज की किरणों से निकलने वाली UVA और UVB किरणें, हमारी स्किन को इस हद तक नुकसान पहुंचा सकती हैं कि इनकी वजह से एज स्पॉट्स, झुर्रियां, त्वचा का जलना और यहां तक कि स्किन कैंसर भी हो सकता है। इसलिए त्वचा को इन हानिकारक किरणों से बचाना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके लिए मार्केट में आपको कई तरह की Sunscreen बिकती नजर आएंगी, लेकिन हर सनस्क्रीन आपकी त्वचा को सुरक्षा दे, यह जरूरी नहीं है।

कैसे चुनें सही सनस्क्रीन?
आमतौर पर, लोग Sunscreen का चयन करते समय सिर्फ एक ही चीज पर ध्यान देते हैं। वह है SPF (Sun Protection Factor)। Sunscreen का एसपीएफ कितना है यह बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन सिर्फ इसके आधार पर सनस्क्रीन का चयन करना गलत होगा। दरअसल, एसपीएफ सिर्फ UVB किरणों को रोकता है। ये किरणें, त्वचा की ऊपरी सतह को नुकसान पहुंचाती है, लेकिन वहीं UVA किरणें त्वचा को भीतर से नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिसकी वजह से स्किन कैंसर का खतरा सबसे अधिक रहता है।

UVA किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन का PA (Protection Grade of UVA) कितना है, यह चेक करना जरूरी है। इसके लिए आप सनस्क्रीन पर PA+ का चिन्ह देख सकते हैं। जितने ज्यादा + के निशान, उतनी अधिक सुरक्षा। इसलिए सनस्क्रीन कितनी असरदार है, इसके लिए इन दो मानदंडों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।

कौन-सा सनस्क्रीन है बेहतर?
मार्केट में आपको तीन प्रकार की सनस्क्रीन मिल जाएंगी। पहला है फिजिकल सनस्क्रीन, दूसरा है केमिकल सनस्क्रीन और तीसरा है हाइब्रिड। इन तीनों में अंतर यह है कि फिजिकल सनस्क्रीन में जिंक ऑक्साइड होता है, जो त्वचा के ऊपर एक सुरक्षा परत बनाती है, जिससे सूरज की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा तक नहीं पहुंच पाती हैं। केमिकल सनस्क्रीन रासायनिक फिल्टर्स का इस्तेमाल करते हैं, जो स्किन में अब्जॉर्ब होकर हानिकारक को नुकसान पहुंचाने से रोकते हैं।

वहीं हाइब्रिड सनस्क्रीन इन दोनों सनस्क्रीन को मिलाकर बनाया जाता है। वैसे तो, ये तीनों ही सनस्क्रीन UV किरणों से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर होती हैं, लेकिन आपके लिए कौन-सा सही है, यह आप अपने स्किन के डॉक्टर से मिलकर प्रेग्नेंसी, स्किन एलर्जी आदि के बारे में बात करके, सलाह ले सकते हैं।

कैसे लगाएं सनस्क्रीन?
ये सनस्क्रीन आपको लोशन, पाउडर, स्टिक, स्प्रे आदि के रूप में मिल जाएंगे। इन्हें आप अपनी सहूलियत के हिसाब से चुन सकते हैं। चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने के लिए आप अपनी पहली दो उंगलियों के बराबर सनस्क्रीन निकालें और चेहरे के हर हिस्से पर अच्छे से लगाएं। अपनी आंखों और मुंह के भीतर न जाने दें। साथ ही, इस बात का भी ख्याल रखें कि आप हर दो घंटे पर सनस्क्रीन लगाएं, चाहे आप बाहर जाएं या नहीं, क्योंकि खिड़की आदि के जरिए घर में प्रवेश करने वाली धूप भी त्वचा को उतना ही नुकसान पहुंचा सकती है।

इसके अलावा, इस बात का ख्याल भी रखें सनस्क्रीन आपके स्किन केयर का सबसे आखिरी स्टेप है और यह सिर्फ चेहरे तक सीमित नहीं होना चाहिए। आपके शरीर का जो भी हिस्सा धूप के संपर्क में आ सकता है, उन सभी को सन प्रोटेक्शन की जरूरत है। साथ ही, आप अपनी स्किन टाइप के मुताबिक, मैट या डियूई सनस्क्रीन चुन सकते हैं, ताकि आपको चिपचिपाहट या ड्राईनेस का एहसास न हो।

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