अमेरिका का पहला निजी मून लैंडर मिशन फेल,पढ़े पूरी खबर

अमेरिका की चांद पर मानव को उतारने की कोशिशों को झटका लगा है। तकनीकी खामी के कारण चांद के लिए भेजा गया पहला वाणिज्यिक अमेरिकी मिशन फेल हो गया है। एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी कंपनी ने इस वाणिज्यिक चंद्र मिशन को भेजा था। लेकिन कंपनी को ईंधन रिसाव के कारण चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान को उतारने के अपने प्रयास से पीछे हटना पड़ा। अब ये वापस पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। कंपनी का मानना है कि ये संभवत: वायुमंडल में जल जाएगा।

पेरेग्राइन लूनर लैंडर को आठ जनवरी को किया गया था लॉन्च
अपोलो मिशन के 50 वर्षों बाद चंद्रमा की सतह पर पहला अंतरिक्ष यान उतारने के लिए यूनाइटेड लॉन्च अलायंस के वल्कन रॉकेट से पेरेग्राइन लूनर लैंडर को आठ जनवरी को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया था। लैंडर को सफलतापूर्वक लॉन्च वाहन से अलग कर दिया गया था। लेकिन कुछ घंटों बाद एस्ट्रोबोटिक ने खराबी की सूचना देना शुरू कर दिया। शुरुआत में एक गड़बड़ी के कारण पेरेग्राइन के सौर पैनल को सूर्य की ओर उन्मुख करने और इसकी बैटरी को ऊपर रखने में असमर्थता से हुई, जिसने अंतरिक्ष यान के बाहरी हिस्से को भी नुकसान पहुंचाया।

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोई संभावना नहीं
कंपनी ने बताया था कि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोई संभावना नहीं है। पेरेग्राइन लैंडर के पास लगभग 40 घंटे का ईंधन शेष है। एस्ट्रोबोटिक ने कहा था कि उसने अंतरिक्ष यान को तब तक संचालित करने की योजना बनाई है जब तक कि उसमें प्रणोदक (Propellant) खत्म नहीं हो जाता। एस्ट्रोबोटिक को अपने अगले मिशन की तैयारी के लिए डाटा मिलना जारी है। एस्ट्रोबोटिक इस साल के अंत में नासा के रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ले जाने वाले ग्रिफिन लैंडर को भेजने की तैयारी में है।

विकल्प ढूंढ रही टीम
पिट्सबर्ग स्थित कंपनी ने कहा, ‘नए आकलन से पता चलता है कि अंतरिक्ष यान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। जैसे-जैसे यह पृथ्वी की ओर आएगा, वह संभवतः वायुमंडल में जल जाएगा। हमारी टीम इसका विकल्प ढूंढ रही है। जल्द जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।’

3.90 लाख किमी दूर लैंडर
एस्ट्रोबोटिक ने बताया कि बॉक्स के आकार का रोबोट यानी पेरेग्राइन लैंडर पांच दिनों से अधिक समय से अंतरिक्ष में है। फिलहाल, यह पृथ्वी से 2,42,000 मील यानी 3,90,000 किलोमीटर दूर है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना था कि यह पहले असफल हुए मिशनों की तरह चांद्र पर हार्ड लैंडिंग कर सकता है। हालांकि, अब यह साफ हो गया है कि लैंडर इस लक्ष्य को भी हासिल नहीं कर सकेगा।

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